DC motor in Hindi - डीसी मोटर

DC motor in Hindi - डीसी मोटर

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डीसी मोटर (DC Motor) एक प्रकार की इलेक्ट्रिक मोटर है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है। इस पोस्ट में डीसी मोटर (DC Motor), डीसी मोटर्स के वर्गीकरण, इसके कार्य सिद्धांत, अनुप्रयोगों, फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इस पोस्ट में  निम्न विन्दुओ पर विस्तार पूर्वक वर्णन करेंगे-
  • डीसी मोटर क्या है (What is DC Motor?)
  • स्टेटर (Stator)(Stator)
  • रोटर (Rotor) (Rotor)
  • वाइंडिंग (Winding)
  • आर्मेचर वाइंडिंग (Armature Winding)
  • फील्ड वाइंडिंग (Field Winding)
  • कम्यूटेटर (Commutator) (Commutator)
  • डीसी मोटर (DC Motor) कैसे काम करता है(dc motor principle in Hindi)
  • डीसी मोटर (DC Motor) का वर्गीकरण (types of dc motor in Hindi)
  • स्थायी चुंबक डीसी मोटर्स (Permanent Magnet DC Motors)
  • अलग से उत्साहित डीसी मोटर्स (Separately Excited DC Motors)
  • सेल्फ एक्साइटेड डीसी मोटर्स (Self Excited DC Motors)
  • शंट मोटर (Shunt Motor in Hindi)
  • सीरीज मोटर (Series Motor in Hindi)
  • कंपाउंड मोटर (Compound Motor in Hindi)

डीसी मोटर (DC Motor) क्या है (What is DC Motor in Hindi)-


DC मोटर एक ऐसी मोटर है जो ऊर्जा रूपांतरण के सिद्धांत पर काम करता है अर्थात विद्युत ऊर्जा से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। चुकी यह DC पर्चालती है, इसलिए इसका नाम डायरेक्ट करंट (DC) मोटर है।  
इसमें चार मुख्य भाग होते हैं। वो हैं:
स्टेटर (Stator) 
रोटर (Rotor) (Rotor)
वाइंडिंग (Winding)
कम्यूटेटर (Commutator

स्टेटर (Stator in Hindi) -

मोटर के बाहरी भाग को स्टेटर (Stator) कहा जाता है। यह मोटर का स्थिर भाग होता है, तथा दो या अधिक चुम्बकीय पोल होते है। मोटर के इसी भाग से चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न किया जाता है

रोटर (Rotor in Hindi)-

मोटर का आंतरिक भाग जो घूमता है, रोटर (Rotor) कहलाता है। यह आर्मेचर वाइंडिंग (Armature Winding) से बना होता है जो कम्यूटेटर (Commutator) के माध्यम से बाहरी सर्किट से जुड़ा होता है। स्टेटर (Stator) के समान, रोटर (Rotor) भी फेरोमैग्नेटिक पदार्थों से बना है।

वाइंडिंग (Motor Winding In Hindi)-

वाइंडिंग ( Winding) में तांबे से बने कॉइल की सीरीज या समानांतर कनेक्शन होते हैं। वे दो प्रकार के होते हैं:
आर्मेचर वाइंडिंग (Armature Winding)
फील्ड वाइंडिंग (Field Winding)

आर्मेचर वाइंडिंग (Armature Winding in Hindi)-

कई Coils आर्मेचर वाइंडिंग (Armature Winding) बनाने के लिए सीरीज  में जुड़े हुए हैं जिसमें हम वोल्टेज देते है।

फील्ड वाइंडिंग (Field Winding in Hindi)-

फील्ड विंडिंग, कॉइल्स का एक समूह है जो डीसी विद्युत् धारा के माध्यम से मुख्य फ़ील्ड फ्लक्स अर्थात चुम्बकीय क्षेत्र का उत्पादन करता है।

कम्यूटेटर (Commutator in Hindi) -

एक कम्यूटेटर (Commutator) एक स्विच के रूप में कार्य करता है जो रोटर (Rotor) और बाहरी सर्किट के बीच करंट की दिशा में परिवर्तन करता है।

डीसी मोटर कैसे काम करता है? (DC motor principle in Hindi)-

डीसी मोटर (DC Motor) इस सिद्धांत पर काम करता है कि एक करंट युक्त कंडक्टर को एक चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर कंडक्टर पर एक बल कार्य करता है।, जो उसे बहार की दिशा में धकेलने का प्रयाश करता हैI लगने वाले  बल की यह दिशा फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम द्वारा ज्ञात किया जाता हैI यह बल एक Torque पैदा करता है जिसका उपयोग इस प्रकार की मोटर को चलाने के लिए किया जाता है।
यहां मोटर के टर्मिनलों को एक बाहरी डीसी सप्लाई से जोड़ा जाता है। इस प्रकार चुम्बकीय क्षेत्र (उत्तर और दक्षिण ध्रुवों) में आर्मेचर कंडक्टर विद्युत प्रवाह करने पर यहाँ उत्तरी ध्रुव में चालक अन्दर की तरफ में विद्युत प्रवाह करते हैं और दक्षिणी ध्रुव में चालक बाहर की तरफ में विद्युत प्रवाह करते हैं। तब करंट ले जाने वाले आर्मेचर कंडक्टर दोनों भाग पर एक  दुसरे के विपरीत दिशा में बल कार्य करता है ।
ये बल एक  ड्राइविंग टॉर्क का निर्माण करता है, जिसके परिणामस्वरूप आर्मेचर का रोटेशन होता है। कंडक्टर ब्रश के एक तरफ से दूसरी तरफ जाता है, ताकि उस कंडक्टर में करंट परिवर्तित हो जाए लेकिन कंडक्टर पर बल की दिशा समान रहे। 

डीसी मोटर का वर्गीकरण (types of DC motor in Hindi)-

डीसी मशीनें आर्मेचर विंडिंग और फील्ड विंडिंग के विद्युत कनेक्शन के आधार पर वर्गीकृत की जाती हैं। विभिन्न प्रकार के कनेक्शनों के साथ विभिन्न प्रकार की मशीनों या मोटर्स का निर्माण किया जाता है। 
डीसी मोटर्स तीन प्रकार के होते हैं। वो हैं:-
स्थायी चुंबक डीसी मोटर (Permanent Magnet DC Motor)
अलग से उत्साहित डीसी मोटर (Separately Excited DC Motor)
सेल्फ एक्साइटेड डीसी मोटर (Self Excited DC Motor)

स्थायी चुंबक डीसी मोटर (Permanent Magnet DC Motors)

इस प्रकार के मोटर में चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए स्थाई चुंबक का प्रयोग करते हैं, आधुनिक समय में इस मोटर का प्रयोग बहुत कम होता है फिर भी कई छोटे मोटरों में तथा खिलौनों में स्थाई चुंबक वाले डीसी मोटर का प्रयोग किया जाता हैI

अलग से उत्साहित डीसी मोटर (Separately Excited DC Motor)-

सुपरहिट एक्साइटिड मोटर में चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए किसी अलग डीसी स्रोत से फील्ड क्वायल को डीसी करंट दी जाती है जिससे कि उसमें चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है, साथ ही साथ armature को भी किसी अन्य स्रोत से डीसी सप्लाई दी जाती है 

सेल्फ एक्साइटेड डीसी मोटर (Self Excited DC Motor)-

विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाले डीसी मोटरों में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला मोटर self-excited मोटर है| 
इसे सबसे ज्यादा प्रयोग में लाने का मुख्य कारण यह है कि इसके फील्ड क्वायल को बाहर से किसी डीसी सप्लाई की जरूरत नहीं पड़ती है आर्मेचर को दी जाने वाली सप्लाई से ही फील्ड क्वायल को भी डीसी सप्लाई दी जाती है| 
यह कनेक्शन के आधार पर भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं तथा इन भिन्न-भिन्न प्रकार गुण भी भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं 
गुणों के आधार पर इन्हें इनके लोड के विशेषता वाले जगह पर प्रयोग करते हैं 
Self-excited डीसी मोटर निम्न प्रकार के होते हैं 
  • शंट मोटर (Shunt Motor)
  • सीरीज मोटर (Series Motor)
  • कंपाउंड मोटर (Compound Motor)

शंट मोटर (Shunt Motor in Hindi)-

Shunt Motor in Hindi

डीसी शंट मोटर में फील्ड वाइंडिंग तथा आर्मेचर वाइंडिंग सप्लाई के समांतर में लगे होते हैं तथा इन दोनों वाइंडिंग को डीसी सप्लाई का पूरा वोल्टेज मिलता है| 
चुकी शंट फील्ड वाइंडिंग को दी जाने वाली सप्लाई की पूरी वोल्टेज साहनी होती है अतः यह पतले तार एवं अधिक टर्नो की बनी होती है|
डीसी शंट मोटर को कभी भी लोड के साथ नहीं चलाया जाता है, इस बात का सदैव ध्यान रखना चाहिए
डीसी शंट मोटर का प्रयोग स्थिर गति वाले स्थानों पर किया जाता है क्योंकि इस मोटर की गति स्थिर होती है

सीरीज मोटर (Series Motor in Hindi)-

Series Motor in Hindi

टी सीरीज मोटर में आर्मेचर वाइंडिंग तथा फील्ड वाइंडिंग आपस में सीरीज में जुड़े होते हैं, चुकी लोड करें आर्मेचर तथा सीरीज फील्ड से होकर गुजरना होता है, इसलिए सीरीज फील्ड वाइंडिंग मोटे तार तथा कम फेरों की की बनी होती है 
इसका प्रयोग ऐसे ही स्थानों पर करते हैं जहां पर प्रारंभ से ही लोड लगा हो| 
इसका स्टार्टिंग टॉर्क बहुत ऊंचा होता है अतः इसका प्रयोग रेलवे, ट्राम, क्रेन इत्यादि ट्रेक्शन में किया जाता है, 
डीसी सीरीज मोटर को कभी भी बिना लोड के चालू नहीं करनी चाहिए अन्यथा इसकी आर्मेचर की गति बहुत भयावह रूप से बढ़ जाएगी तथा मोटर जल जाएगी|

कंपाउंड मोटर (Compound Motor in Hindi)-

Compound Motor in Hindi


डीसी कंपाउंड मोटर, डीसी शंट तथा सीरीज मोटर का मिलाजुला रूप है अर्थात इसे दोनों तरीके से चला सकते हैं बिना लोड के तथा लोड के साथ|
डीसी शंट मोटर में सीरीज फील्ड वाइंडिंग तथा shunt फील्ड वाइंडिंग एवं आर्मेचर होता है
डीसी कंपाउंड मोटर कनेक्शन के आधार पर निम्न प्रकार के होते हैं

  • लोंग शंट कंपाउंड मोटर (Long Shunt Compound DC Motor) 
  • शॉर्ट्स शंट कंपाउंड मोटर (Short Shunt Compound DC Motor)

शंट वाइंडिंग तथा सीरीज वाइंडिंग में बहने वाली धारा की दिशा के आधार पर कंपाउंड मोटर (Compound Motor in Hindi) निम्न प्रकार की होती हैं-

  • Cumulative Compound DC Motor 
  • Differential Compound DC Motor 

Long Shunt Compound DC Motor in Hindi- 

Long Shunt Compound DC Motor in Hindi

Long Shunt Compound DC Motor में आर्मेचर तथा सीरीज वाइंडिंग, आपस में सीरीज में जुड़े होते हैं तथा इनके समांतर में शंट वाइंडिंग को जोड़ते हैं और इस प्रकार से बना मोटर लोंग शंट कंपाउंड मोटर कहलाता है|

Short Shunt Compound DC Motor- 

Short Shunt Compound DC Motor in Hindi
Short Shunt Compound DC Motor में आर्मेचर तथा शंट फील्ड वाइंडिंग एक दूसरे के समांतर में जुड़े होते हैं तथा इनके सीरीज में, सीरीज फील्ड बाइंडिंग जुड़ी होती है

डीसी मोटर्स के उपयोग (Uses of DC Motors in Hindi)-

डीसी मोटर्स का उपयोग बुनाई मशीनों और कताई मशीनों में किया जाता है।
शंट वाउंड मोटर्स का उपयोग खराद मशीनों और सेंट्रीफ्यूज में किया जाता है।
उनका उपयोग लिफ्टों, और ब्लोअर में भी किया जाता है।
कंपाउंड मोटर्स का उपयोग प्रेस, कन्वेयर और रोलिंग मिल्स में किया जाता है।
एयर कंडीशनर और हीटर के लिए ब्लोअर में और खिड़कियों को संचालित करने के लिए विंडशील्ड वाइपर और वाशर के कामकाज में ऑटोमोबाइल में स्थायी चुंबक मोटर्स का उपयोग किया जाता है।
सीरीज मोटर उपयोग खाद्य मिक्सर, वैक्यूम क्लीनर और इलेक्ट्रिक टूथब्रश और खिलौनों में किया जाता है।

डीसी मोटर्स के फायदे (Benefits of DC motor in Hindi)-

डीसी मोटर्स के एसी मोटर्स पर अपने स्वयं के महत्वपूर्ण फायदे हैं और उनमें से कुछ निम्नलिखित है-
इसमें आर्मेचर कंट्रोल विधि का उपयोग करके डीसी शंट प्रकार मोटर में रेटेड गति को नियंत्रित कर सकते है|
इस तकनीक का उपयोग पेपर मिलों में किया जाता है जहां सटीक गति उपयोग किया जाता है।
डीसी सीरीज़ मोटर्स में उच्च स्टार्टिंग टॉर्क होता है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक ट्रेनों और क्रेन जैसी शुरुआती स्थितियों में भारी भार उठाने के लिए किया जाता है।
यह किसी दिए गए गति सीमा पर एक निरंतर Torque को बनाए रख सकता है।
यह जल्दी से शुरू हो सकता है,, रुक सकता है, उल्टा या तेज चल सकता है।
इसमें एसी मोटर्स की तुलना में कम प्रतिक्रियाशील बिजली की खपत है।


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