D.C Generator in Hindi - डीसी जनरेटर
प्रारंभिक विद्युत चुम्बकीय जनरेटर (फैराडे डिस्क) का आविष्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल फैराडे ने वर्ष 1831 में किया था। एक डीसी जनरेटर एक विद्युत उपकरण है जिसका उपयोग विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है ।
इस उपकरण का मुख्य कार्य यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना है। कई प्रकार के यांत्रिक ऊर्जा स्रोत उपलब्ध हैं जैसे कि हाथ की क्रैंक, आंतरिक दहन इंजन, जल टर्बाइन, गैस और भाप टर्बाइन। जेनरेटर सभी विद्युत पावर ग्रिड को शक्ति प्रदान करता है।
इस उपकरण का मुख्य कार्य यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना है। कई प्रकार के यांत्रिक ऊर्जा स्रोत उपलब्ध हैं जैसे कि हाथ की क्रैंक, आंतरिक दहन इंजन, जल टर्बाइन, गैस और भाप टर्बाइन। जेनरेटर सभी विद्युत पावर ग्रिड को शक्ति प्रदान करता है।
जनरेटर का उल्टा एक इलेक्ट्रिक मोटर है। मोटर का मुख्य कार्य विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक में बदलना है। मोटर्स तथा जनरेटर की समान विशेषताएं हैं।
डीसी जनरेटर क्या है? (What is DC generator in Hindi?)
एक डीसी जनरेटर या डायरेक्ट करंट जेनरेटर एक तरह की इलेक्ट्रिकल मशीन है, और इस मशीन का मुख्य कार्य यांत्रिक ऊर्जा को डीसी (डायरेक्ट करंट) विद्युत् में परिवर्तित करना है। यह डीसी विद्युत ऊर्जा फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के फल स्वरूप उत्पन्न होता है
डीसी जेनरेटर का सिद्धांत (working principle of dc generator)
जैसा कि हम जानते हैं, डीसी जनरेटर के कार्य करने का सिद्धांत फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत पर आधारित है, फैराडे ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के 2 नियम दिए थे -
Faraday's law of electromagnetic induction in Hindi-
प्रथम नियम (First Law of Faraday's law of electromagnetic induction in Hindi)-
यदि किसी चालक को चुंबकीय क्षेत्र में तीव्र गति से घूम आते हैं तब उस चालक में विद्युत वाहक बल अर्थात ईएमएफ उत्पन्न हो जाता है
दूसरा नियम (Second Law of Faraday's law of electromagnetic induction in Hindi)--
चालक में उत्पन्न एमएफ का मान चालक द्वारा काटे जाने वाले फ्लक्स कि दर के समानुपाती होता है
डीसी जनरेटर के भाग (Parts of DC Generator in Hindi)-
एक डीसी जनरेटर का उपयोग डीसी मोटर के रूप में भी किया जाता है, इसके निर्माण को बिना परिवर्तित किये। इसलिए, एक डीसी मोटर अन्यथा एक डीसी जनरेटर को आमतौर पर डीसी मशीन के रूप में कहा जा सकता है । जनरेटर में निम्न भाग होते हैं-
• डीसी जनरेटर के चुंबकीय क्षेत्र (Field Coil)
• चुंबकीय फ्रेम और योक (Magnetic Frame and Yoke)
• पोल कोर और पोल शूज़ (Pole Core and Pole Shoes)
• क्षेत्र कुंडल (Field or Exciting Coils)
• आर्मेचर (Armature)
• आर्मेचर कोर (Armature Core)
• आर्मेचर वाइंडिंग्स (Armature Winding)
• डीसी जेनरेटर में कम्यूटेटर (Commutator)
• ब्रश (Brushes)
• एंड कवर (End Cover)
• बियरिंग्स (Bearings)
• शाफ़्ट (Shaft)
• डीसी जनरेटर के चुंबकीय क्षेत्र (Field Coil)
• चुंबकीय फ्रेम और योक (Magnetic Frame and Yoke)
• पोल कोर और पोल शूज़ (Pole Core and Pole Shoes)
• क्षेत्र कुंडल (Field or Exciting Coils)
• आर्मेचर (Armature)
• आर्मेचर कोर (Armature Core)
• आर्मेचर वाइंडिंग्स (Armature Winding)
• डीसी जेनरेटर में कम्यूटेटर (Commutator)
• ब्रश (Brushes)
• एंड कवर (End Cover)
• बियरिंग्स (Bearings)
• शाफ़्ट (Shaft)
डीसी जनरेटर के चुंबकीय क्षेत्र (Field Coil)-
डीसी जनरेटर में चुंबकीय क्षेत्र बहुत ही आवश्यक होता है चुंबकीय क्षेत्र के कारण ही विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है, अतः चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए हम इलेक्ट्रोमैग्नेट अर्थात क्वायल का सहारा लेते हैं जिसके माध्यम से हम चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं,
चुंबकीय फ्रेम और योक (Magnetic Frame and Yoke)-
मशीन की बॉडी को हम योक कहते हैं, चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले क्वायल को हम योक में कसते हैं, या छोटी मशीनों में फील्ड को योक में ढाल देते हैं, तथा यह क्वायल द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र के सर्किट को पूरा करने में भी सहायता करता है, अर्थात रास्ता प्रदान करता है बड़े मशीनों के लिए यह कास्ट स्टील या रोल्ड स्टील तथा छोटे मशीनों के लिए यह कास्ट आयरन का बना होता है
पोल कोर और पोल शूज़ (Pole Core and Pole Shoes)-
पोल कोर तथा पोल सू योक में कसे होते हैं, प्रत्येक पोल सू घुमावदार कर्व की आकार में होता है जिससे कि आर्मी च के लिए अच्छी जगह मिल सकेI
पोल सू को योक में रीबिट द्वारा कसते हैं, इसे हम कास्ट स्टील या लोहे के पतले पतले लेमिनेशन द्वारा एक दूसरे पर रखकर बनाते हैं, पोल शू को लेमिनेशन द्वारा बनाने का मुख्य उद्देश्य एडी करंट को कम करना है
क्षेत्र कुंडल (Field or Exciting Coils)-
पोल सु में हम क्वायल को डालते हैं जिस में विद्युत धारा प्रवाहित कर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं और इन चुंबकीय क्षेत्र में आर्मेचर चालक को घुमाते हैं,
फील्ड क्वायल एनिमल कॉपर को लपेट कर बनाया जाता है डीसी जनरेटर में सीरीज तथा शंट क्वाइल को मोटे तथा पतले तारों से अपनी आवश्यकतानुसार बनाते हैंI
आर्मेचर (Armature)-
DC मशीन या DC जेनरेटर के घूमने वाले भाग को आर्मेचर कहा जाता है। आर्मेचर में एक शाफ़्ट होता है, जिस पर लैमिनेटेड सिलेंडर होता है, जिसे Amature Core कहते हैं।
डीसी जनरेटर का मुख्य भाग में आर्मेचर भी आता है, आर्मेचर उन चालकों को अपने अंदर रखता है जिनमें emf में उत्पन्न करना होता है,
एक डीसी जनरेटर के आर्मेचर में निम्न भाग होते हैं-
- Armature Core
- Armature Winding
Armature Core-
डीसी जनरेटर (D.C Generator in Hindi) का आर्मेचर कोर आकार में बेलनाकार है और शाफ्ट के पर लगा होता है। आर्मेचर की बाहरी परिधि में खांचे या स्लॉट होते हैं जो आर्मेचर वाइंडिंग को समायोजित करते हैI
चौकी आर्मेचर डीसी जनरेटर का घूमने वाला भाग होता है जिसके कोर को बार-बार फ्लक्स परिवर्तन सहना पड़ता है जिसके फलस्वरूप आर्मेचर कोर में hysteresis हानी उत्पन्न हो जाती है, जिसे कम करने के लिए सिलीकान स्टील का लेमिनेशन युक्त कोर बनाते हैंI
डीसी जनरेटर (D.C Generator) या मशीन का आर्मेचर कोर निम्नलिखित कार्य करता है-
• यह स्लॉट्स में कंडक्टरों को रखता है।
• यह चुंबकीय प्रवाह के लिए एक आसान मार्ग प्रदान करता है।
Armature Winding-
आर्मेचर वाइंडिंग को डीसी मशीन का दिल कहा जाता है, इसकी वाइंडिंग बहुत ही सेंसिटिव तथा क्रिटिकल होती है,आर्मेचर कोर के परिधि पर बने खाचों में इन क्वायल को डालकर पूरे आर्मेचर को बनाते हैं,
आर्मेचर वाइंडिंग ही ऐसी जगह है जहां विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है अतः इसके कारण भी पूरे डीसी मशीन अर्थात डीसी जनरेटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग आर्मेचर हो जाता हैI
आर्मेचर वाइंडिंग मुख्य दो प्रकार की होती हैं-
- Lap Winding
- Wave Winding
Lap Winding-
लैप वाइंडिंग में जितने pole होते हैं उतने ही समांतर रास्ते होते हैं,यदि किसी मशीन में P पोल और Z आर्मेचर कंडक्टर हैं, तो P समानांतर पथ होंगे, प्रत्येक पथ में श्रृंखला में Z / P कंडक्टर जुड़े होंगे।
लैप वाइंडिंग में ब्रश की संख्या समानांतर पथों की संख्या के बराबर होती हैI जिनमें आधे ब्रश धनात्मक तथा आधे ब्रश ऋणत्मक होते हैंI
Wave Winding-
वेव वाइंडिंग में, चाहे कितने भी पौधों की संख्या हो, पैरलल रास्तों की संख्या केवल दो होती है, इस प्रकार, यदि मशीन में Z आर्मेचर कंडक्टर हैं, तो श्रृंखला में Z / 2 कंडक्टर वाले प्रत्येक दो समानांतर रास्ते होंगे।
डीसी जेनरेटर में कम्यूटेटर (Commutator)-
कम्यूटेटर, जो आर्मेचर के साथ
घूमता है, आकार में बेलनाकार होता है और इसे कई
प्रकार के वेज-आकार के hard drawn copper bars या सेगमेंट से और एक दूसरे से मायका
द्वारा इंसुलेट करके बनाया जाता है। प्रत्येक कम्यूटेटर सेगमेंट आर्मेचर कॉइल के सिरों से
जुड़ा हुआ है।
यह एक डीसी मशीन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और निम्नलिखित कार्य करता है-
• यह घूमने वाले आर्मेचर कंडक्टर को ब्रश के माध्यम से स्थिर बाहरी सर्किट से जोड़ता है।
• यह जनरेटर में प्रेरित अल्टरनेटिंग करंट को डीसी जेनरेटर करंट में परिवर्तित करता है,
ब्रश (Brushes)-
दो या दो से अधिक कार्बन ब्रश की मदद से आर्मेचर वाइंडिंग से करंट को एकत्र किया जाता है। प्रत्येक ब्रश को धातु के बॉक्स में रखा जाता है जिसे ब्रश बॉक्स या ब्रश होल्डर कहा जाता है । ब्रश कम्यूटेटर पर दबाए जाते हैं और आर्मेचर वाइंडिंग और बाहरी सर्किट के बीच कनेक्टिंग लिंक बनाते हैं।
कम्यूटेटर पर ब्रश द्वारा लगाए गए दबाव को समायोजित किया जा सकता है और स्प्रिंग्स के माध्यम से निर्धारित मान का दबाव बनाए रखा जाता है।
ये आम तौर पर उच्च श्रेणी के कार्बन से बने होते हैं क्योंकि कार्बन पदार्थ करंट का संचालन करता है और एक ही समय में पाउडर के रूप में कम्यूटेटर सतह पर एक चिकनाई भी प्रदान करता है।
एंड कवर (End Cover)-
डीसी जनरेटर के दोनों सिरों पर एंड कवर लगा होता है जिसमें बियरिंग लगा होता है, एंड कवर के माध्यम से ही आर्मेचर शाफ़्ट को चुंबकीय क्षेत्र में आसानी से घुमा सकते हैं
बियरिंग्स (Bearings)-
बॉल या रोलर बेयरिंग को अंतिम छोरों में फिट किया जाता है। बीयरिंग का कार्य मशीन के घूर्णन और स्थिर भागों के बीच घर्षण को कम करना है। ज्यादातर उच्च कार्बन स्टील का उपयोग बीयरिंग के बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि यह बहुत कटोर पदार्थ है।
शाफ़्ट (Shaft)-
डीसी जनरेटर में शाफ्ट द्वारा ही मैकेनिकल ऊर्जा को हम लेते हैं, साफ्ट पर आर्मेचर, कूलिंग फैन, तथा कमयुटेटर लगे होते हैं