- Hysteresis in Hindi
- Hysteresis Loss meaning in Hindi
- What is Hysteresis in Hindi?
- Hysteresis Loss in Hindi
- Definition of Hysteresis Loss in Hindi
- Hysteresis Loop in Hindi
- Coercive force in Hindi
आज इस पोस्ट में हम इस हिस्ट्रेसिस हानि (hysteresis Loss) के बारे में जानेंगे, आईटीआई इलेक्ट्रिशियन चुंबक चैप्टर को जो छात्र अच्छे से पढ़ लेता है उसे भविष्य में सभी चैप्टर आसानी से समझ में आने लगते हैं
(ITI ELECTRICIAN) के पढ़ाई में जब हम चुंबक चैप्टर को पढ़ते हैं तब या हमें काफी कठिन चैप्टर समझ में आता है परंतु यह चैप्टर अच्छे से पढ़ा जाए तब यह बहुत ही आसान लगता है I
अतः प्रतियोगी परीक्षाओं तथा आईटीआई के छात्रों के लिए यह चैप्टर बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसमें हिस्ट्रेसिस हानि (hysteresis Loss) और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इलेक्ट्रिकल मशीनों में हिस्ट्रेसिस का सबसे ज्यादा प्रयोग होता हैI
हिस्ट्रेसिस क्या है? (What is Hysteresis in Hindi?)-
हिस्ट्रेसिस के अन्य बिंदुओं को समझने से पहले हमें यह समझना होगा की हिस्ट्रेसिस होता क्या है, हिस्ट्री एक प्रकार की हानि है जोकि एसी विद्युत धारा द्वारा या बार-बार धारा तथा वोल्टेज के परिवर्तन से उत्पन्न होता हैI
हिस्ट्रेसिस हानी (Hysteresis Loss in Hindi)-
फेरोमैग्नेटिक पदार्थ (ferromagnetic materials) के टुकड़े में चुंबकीय व अचुंबकीय होने के कारण अणुओं में घर्षण होता है तथा उष्मा उत्पन्न होता है, जिसे हम हिस्ट्रेसिस हानि (hysteresis Loss) कहते हैI
हिस्ट्रेसिस की परिभाषा (Definition of Hysteresis Loss in Hindi)-
मैग्नेटिज्म (B) का मैग्नेटाइजेशन फोर्स (F) से पीछे रह जाना हिस्ट्रेसिस कहलाता हैI
हिस्ट्रेसिस हानि का अर्थ (Hysteresis Loss
meaning in Hindi)-
हिस्ट्रेसिस हानि का मतलब (Hysteresis Loss meaning in Hindi) शैथिल्य ह्रास होता है, इसे हम पिछड़ापन भी कर सकते हैंI
हिस्ट्रेसिस लूप (Hysteresis Loop in Hindi)-
हिस्ट्रेसिस लूप (hysteresis Loop) को समझने के लिए माना हमारे पास एक ग्राफ है, जिसमें लंबवत रेखा को चुंबकीय घनत्व (B) तथा ऊर्ध्वाधर रेखा को चुंबकीय बल (H) को प्रदर्शित करता है तब,
यदि हम एक फेरोमैग्नेटिक पदार्थ (ferromagnetic materials) का टुकड़ा लेते हैं जो पूर्ण रूप से डिमैग्नेटाइज्ड हो और अब इसे O से उसके सिचुएशन बिंदु A तक चुंबकीय बनाते हैं,
इस प्रकार का बना कर्व B/H कर्व कहलाता है, यदि हम चुंबकीय बल (H) को धीरे धीरे कम करते हैं,
तब हम देखते हैं की चुंबकीय घनत्व का मान उस प्रकार नहीं घट रहा है जिस प्रकार चुंबकीय बल का मान घट रहा है|
जब चुंबकीय बल को पूरी तरह शून्य कर देते हैं, तब भी उसमें उस फेरोमैग्नेटिक पदार्थ (ferromagnetic materials), में चुंबकीय शक्ति रह जाती है, जिसे हम अवशेष चुंबकत्व कहते हैं, तथा इसे बिंदु पी से प्रदर्शित करते हैं, इस अवशेष चुंबकत्व को पूरी तरह समाप्त करने के लिए विपरीत दिशा में चुंबकीय बल लगाना पड़ता हैI
अवशेष चुंबकत्व को समाप्त करने के लिए विपरीत दिशा में लगाया जाने वाला बल coercive force कहलाता हैI
जब उसे चुंबकत्व समाप्त हो जाता है तब विपरीत दिशा में लगने वाले बल को बिंदु C से प्रदर्शित करते हैंI
इस बल को विपरीत दिशा में और अधिक बढ़ाने पर फेरोमैग्नेटिक पदार्थ (ferromagnetic materials) का टुकड़ा विपरीत दिशा में अपने सैचुरेशन बिंदु तक चुंबकीय हो जाता है जिसे हम D से प्रदर्शित करते हैंI
चुंबकीय बल का मान पुनः 0 करने पर उस फेरोमैग्नेटिक पदार्थ (ferromagnetic materials) के टुकड़े में अवशेष चुंबकत्व रह जाता है जिसे बिंदु E से प्रदर्शित करते हैं,
चुंबकीय बल को और अधिक लगाने पर चुंबकीय घनत्व अर्थात चुंबकीय शक्ति का मान शून्य हो जाता है, जिसे बिंदु F से प्रदर्शित करते हैं, और अधिक बल लगाने पर यह पुनः बिंदु A पर चला जाता हैI
इस प्रकार ABCDEF से एक लूप बन जाता है, जिसे हम हिस्ट्रेसिस लूप (hysteresis Loop) करते हैंI
लूप का क्षेत्रफल जितना बड़ा होगा हिस्ट्रेसिस हानि (hysteresis Loss) उतनी ही ज्यादा होगी तथा लूप का क्षेत्रफल जितना ही कम होगा हिस्ट्रेसिस हानि (hysteresis Loss) उतनी ही कम होगीI
ट्रांसफार्मर में हिस्ट्रेसिस हानि (hysteresis Loss)को कम करने के लिए उसके कोर में 3% से 5% सिलिका मिलाते हैं इस प्रकार बना कोर सिलिकॉन स्टील का होता है जिसके प्रयोग द्वारा हम इस ऋषि साहनी को कम करते हैंI