विद्युत् आवेश | Electric Charge in Hindi
विद्युत् आवेश | Electric Charge in Hindi |
विद्युत् आवेश | Electric Charge in Hindi - विद्युत आवेश के बारे में महान वैज्ञानिक थेल्स ने बताया कि जब कांच की छड़ को रेशम के टुकड़े पर ऊपर घर्षण करते हैं तब कांच के अंदर कागज के छोटे-छोटे दो टुकड़े को अपनी तरफ आकर्षित करने का गुण जाता है |
कांच में कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को आकर्षित करने का गहन अध्ययन करने के पश्चात यह ज्ञात हुआ कि यह गुण आवेशों के स्थानांतरण के कारण हुआ |
विद्युत आवेश का आणविक सिद्धांत (Atomic Theory of electric charge in Hindi)-
आवेशों को बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें पदार्थ के आणविक सिद्धांतों को भी समझना पड़ेगा वास्तव में आवेश की उत्पत्ति पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों की कमी अथवा अधिकता के कारण से होती है जब कांच की छड़ को रेशम के ऊपर रगड़ते हैं तब कांच की छड़ तथा रेशम पर इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है फल स्वरूप आवेश की उत्पत्ति होती है|
आवेश मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं (Types of Electric Charge in Hindi)-
धन आवेश (Positive Charge)
ऋण आवेश (Negative Charge)
ऋण आवेश (Negative Charge)
धन आवेश (Positive Charge in Hindi) - इलेक्ट्रॉनों की कमी वाले पदार्थ को धन आवेश कहते हैं I
ऋण आवेश (Positive Charge in Hindi) - इलेक्ट्रॉनों की अधिकता वाले पदार्थ को ऋण आवेश पदार्थ कहते हैंI
जब कांच को रेशम के ऊपर करते हैं तब कांच पर धन आवेश तथा रेशम की छत पर रीड आवेश उत्पन्न होता है अर्थात कांच इलेक्ट्रॉनों को त्याग देता है तथा रेशम उन इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करता है |
विद्युत आवेश का सूत्र (Formula of Electric Charge in Hindi)-
माना किसी चालक में से किसी निश्चित बिंदु से बहने वाले कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा इलेक्ट्रॉन के आवेश के गुणनफल को विद्युत आवेश अथवा विद्युत की मात्रा कही जाती है
Formula of electric charge in Hindi |
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ReplyDeleteElectric Charge ke baare bahoot achha likha hai
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