Electric Cell in Hindi | विद्युत सेल क्या है?

Electric Cell in Hindi | विद्युत सेल क्या है? 



आज के हमारे आधुनिक जीवन में, विद्युत का महत्व सबसे ज्यादा हो गया है, आधुनिक जीवन विद्युत आधारित होता जा रहा है, प्रायः हम देखते हैं कि जब हमारे यहां की बिजली चली जाती है, या मेन सप्लाई बंद हो जाती है, तब रोशनी के लिए हम इमरजेंसी लाइट का प्रयोग करते हैं, इस इमरजेंसी लाइट में विद्युत को हम बैटरी या सेल के माध्यम से एकत्र करके रखते हैं, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उपयोग करते हैं |

बहुत से घरों में मेन सप्लाई ना होने पर इनवर्टर का प्रयोग करते हैं, उस इनवर्टर में विद्युत को हम एक बैटरी (Battery) में एकत्रित करके रखते हैं, जिसे आवश्यकता पड़ने पर आपातकालीन स्थिति में या मुख्य बिजली ना होने पर प्रयोग करते हैं, 

उपरोक्त से स्पष्ट है कि विद्युत को हम एकत्र करने के लिए जो साधन प्रयोग करते हैं, उसे बैटरी या सेल कहते हैं, यह बैटरी रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है |

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बैटरी क्या होता है? (What is Battery in Hindi?)

बैटरी मुख्यता सेलो का समूह होता है, जिसे अपनी आवश्यकतानुसार संयोजित करके बनाते हैं 

यह सेल कई प्रकार के होते हैं, जिसे हम नीचे विस्तार पूर्वक पड़ेंगे 

विद्युत सेल क्या है? (What Is Electric Cell in Hindi?)- 

विद्युत सेल एक प्रकार की युक्ति है, जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं 

 बैटरी किसे कहते हैं ? (What is Battery in Hindi)

सेल को उच्च वोल्टेज अथवा उच्च करंट पाने के लिए भिन्न-भिन्न समूह में जोड़ते हैं, तब इन समूहों को हम बैटरी कहते हैं|

विद्युत सेल का इतिहास (History Of electric Cell in Hindi)- 

सर्वप्रथम इटालियन वैज्ञानिक ऐलेसाल्ड्रो वोल्टा (Alessandro Volta) ने बिजली की हल्की सी धारा उत्पन्न कर के विद्युत सेल के बारे में हमें अवगत कराया।

सन् 1865 में फ्रांस के वैज्ञानिक जार्ज लेक्लांशे ने एक द्रव बैटरी बनायी जिसकी सहायता से बिजली उत्पन्न की जा सकती थी। उन्होंने अमोनियम क्लोराइड के घोल में जस्ते और कार्बन की छड़ें डुबोकर लेक्लांशे सेल का अविष्कार किया था।

विद्युत सेल (Electric Cell) मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

  1. प्राइमरी सेल (Primary cell)
  2. सैकेण्डरी सेल (Secondary cell)

What is Electricity in Hindi | विधुत क्या है?

प्राइमरी सेल (Primary cell in Hindi)- 

प्राइमरी सेल भी होते हैं, जिसमें विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रोड(एनोड तथा कैथोड) को इलेक्ट्रोलाइट में डालने पर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न हो जाता है, 

इस सेल की मुख्य विशेषता यह है. किसको विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए पहले इसे चार्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है, 

इसके लिए केवल बिलियन में इन्वर्टर था कैथोड को डालते हैं, तथा उनके बीच हमें विभांतर मिलता है 

इस सेल का मुख्य अवगुण यह है कि एक बार प्रयोग करने के पश्चात डिस्चार्ज हो जाने पर दोबारा प्रयोग नहीं कर सकते हैं

प्राइमरी सेल के प्रकार (Types of Primary Cell in Hindi)-

साधारण वोल्टाइक सेल (Voltaic cell)

डेनियल सेल (Denial cell)

लैकलांची सेल (Laclanche cell) 

ड्राई या शुष्क सेल (dry cell)

मरकरी सेल (Mercury cell)

6 सिल्वर आक्साइड सेल (Silver oxide cell)

 सेकेंडरी सेल (Secondary cell in Hindi)-  

सेकेंडरी सेल वे सेल होते हैं, जिन्हें सर्वप्रथम हमें डीसी शुरुआत से आवेशित करना पड़ता है, तथा उसे आवेशित होने के पश्चात, हम इसे विद्युत स्रोत के रूप में प्रयोग करते हैं | 

सेकेंडरी सेल में ऊर्जा का रूपांतरण इस प्रकार होता है की चार्जिंग के समय विद्युत ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होती हैं, 

जब सेल लोड को सप्लाई दे रही होती है, तब वह रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है, 

सेकेंडरी सेल के प्रकार  (Types of Secondary cell in Hindi)- 

1 लेड एसिड सेल (Lead acid cell)

2 निकिल कैडमियम सेल (Nickel cadmium cell)

3 निकिल आयरन सेल (Nickel iron cell)

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