Coulomb's Law in Hindi - कुलाम का नियम
Coulomb's Law in Hindi - आज इस पोस्ट में हम कूलाम के नियम के बारे में जानेंगे, चार्ल्स ऑगस्टिन डी कूलम्ब 1700 के दशक के एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने दो आवेशों के बीच लगने वाले बल कि मान को ज्ञात किया था|
जब दो आवेशों को पास पास रखते हैं तब उन आवेशों में या तो आकर्षण बल होता है या प्रतिकर्षण बल होता है, समान आवेश में प्रतिकर्षण बल होता है तथा विपरीत आवेश में आकर्षण बल होता है इन आकर्षण, प्रतिकर्षण बलों को ज्ञात करने के लिए कूलाम के नियम (Coulomb's Law in Hindi) का प्रयोग करते हैं
माना दो आवेश q1 तथा q2 है तथा उनके बीच की दूरी r है,तथा लगने वाला बल F हो, तब कूलाम के नियमानुसार (Coulomb's Law in Hindi) -
जब दो आवेशों को पास पास रखते हैं तब उन आवेशों में या तो आकर्षण बल होता है या प्रतिकर्षण बल होता है, समान आवेश में प्रतिकर्षण बल होता है तथा विपरीत आवेश में आकर्षण बल होता है इन आकर्षण, प्रतिकर्षण बलों को ज्ञात करने के लिए कूलाम के नियम (Coulomb's Law in Hindi) का प्रयोग करते हैं
कूलम्ब का नियम क्या है?- (What is Coulomb's law in Hindi)
कूलम्ब के नियम के अनुसार, दो आवेशित निकायों के बीच आकर्षण या प्रतिकर्षण का बल सीधे उनके आवेशों के मान के समानुपातिक होता है और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बिंदु आवेश माने जाने वाले दो आवेशों को मिलाने वाली रेखा के साथ कार्य करता है।माना दो आवेश q1 तथा q2 है तथा उनके बीच की दूरी r है,तथा लगने वाला बल F हो, तब कूलाम के नियमानुसार (Coulomb's Law in Hindi) -
तथा
उपरोक्त दोनों समीकरणों को मिलाने पर-
k' एक स्थिरांक है, जिसे हम रिलेटिव परमिट्टीविटी कहते हैं, जो उस आवेश पर निर्भर करता है जिसमें आवेशित वस्तुओं को रखा जाता है। k का मान निम्नलिखित होता है-
कूलाम के नियम (Coulomb's Law in Hindi) द्वारा प्राप्त सूत्र में के का मान रखने पर
परमिट्टीविटी या माध्यम की परावैद्युतांक के मान में परिवर्तन होने पर दो आवेशों के बीच लगने वाले बल पर भी प्रभाव पड़ता है निर्वात की परमिट्टीविटी 1 होती है तथा हवा की परमिट्टीविटी 1.0006 होती है|
K का मान निम्नलिखित होता है-